नमस्कार, किसान भाइयों और बहनों, क्या आप जानते हैं कि PM Fasal Bima Yojana किस तरह से किसानों की मदद करता है? किसान भाइयों और बहनों, आज के इस ब्लॉग में हम एक बेहद खास विषय के बारे में बात करने जा रहे हैं। साल 2016 में सरकार की तरफ से एक किसान कल्याणकारी योजना लागू की गई, जिसका उद्देश्य किसानों की फसलों को बीमा प्रदान करना है। यह योजना किसानों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ साथ उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाती है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं यह योजना कैसे भारतीय किसानों को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जा रही है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई करना है। किसानों को खरीफ की फसल के लिए सिर्फ 2% और रबी की फसल के लिए 1.5% प्रीमियम देना होता है। अगर आप बागवानी या वाणिज्यिक फसल की बीमा लेना चाहते हैं तो इसके लिए 5% प्रीमियम का मामूली भुगतान करना होता है।
Table of Contents
पीएम फसल बीमा योजना की मुख्य जानकारी तालिका
श्रेणी | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) |
लॉन्च वर्ष | 2016 |
उद्देश्य | किसानों को फसल हानि से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना |
प्रीमियम दर | खरीफ: 2%, रबी: 1.5%, बागवानी/व्यावसायिक: 5% |
लाभार्थी | सभी किसान (कर्जदार और गैर-कर्जदार) |
दावा प्रक्रिया | मोबाइल ऐप, CSC, कृषि विभाग |
भुगतान विधि | सीधे बैंक खाते में मुआवजा ट्रांसफर |
मिड सीज़न और नेचुरल कैलामिटी में अंतर
तो आइए, किसानों के लिए दो महत्वपूर्ण चुनौतियां यानी मिड सीज़न और नेचुरल कैलामिटी में अंतर जान लेते हैं। मिड सीज़न, इसका मतलब है फसल के बढ़ने के दौरान किसी प्रकार की समस्या या विपरीत स्थिति का आना। यह फसल के उत्पादन को प्रभावित करती है, लेकिन पूरी तरह से फसल नष्ट नहीं होती।
उदाहरण—अचानक बारिश में कमी आना, तापमान में असामान्य बदलाव या समय से पहले पाला पड़ना। मिड सीज़न में फसल का आंशिक नुकसान होता है, जिससे पैदावार घट सकती है।
नेचुरल कैलामिटी यह प्राकृतिक आपदा है जो अक्सर बड़े पैमाने पर नुकसान करती है। यह फसल को पूरी तरह से नष्ट कर सकती है और किसानों के लिए गंभीर आर्थिक नुकसान का कारण बनती है। उदाहरण—बाढ़, सूखा, तूफान और ओलावृष्टि। मुख्य अंतर मिड सीज़न में फसल पर आंशिक प्रभाव पड़ता है, जबकि नेचुरल कैलामिटी में पूरी फसल नष्ट हो सकती है। मिड सीज़न की समस्याएं धीरे-धीरे बढ़ती हैं, जबकि नेचुरल कैलामिटी अचानक और विनाशकारी होती है।
बीमा में कवर और मुआवज़ा
बीमा में कवर—PM Fasal Bima Yojana के तहत दोनों ही प्रकार की स्थितियों को कवर किया जाता है, लेकिन मुआवज़े की राशि नुकसान के स्तर के आधार पर तय होती है। किसानों को उनकी खराब फसलों के चलते कई अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इन चुनौतियों का समाधान अब सरकार के प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत संभव है।
खरीफ और रबी फसलों के प्रीमियम दर तालिका
फसल प्रकार | प्रीमियम दर (%) |
---|---|
खरीफ फसल | 2% |
रबी फसल | 1.5% |
बागवानी/व्यावसायिक फसल | 5% |
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
इसके लिए आप एन सी आई पी यानी नेशनल क्रॉप इन्षुरेन्स पोर्टल पर जाकर अपने फसलों का बीमा आवेदन कर सकते हैं। सबसे पहले PM Fasal Bima Yojana की आधिकारिक पोर्टल पीएम ऐफ़ बी वै डॉट जी ओह वि.इन पर जाएं, रजिस्टर बटन पर क्लिक करें और अपनी व्यक्तिगत और खेती संबंधित जानकारी जैसे आधार नंबर आदि भरें। अब अपना राज्य, जिला, ब्लॉक और गांव चुनें। साथ ही वह फसल चुनें जिसका आप बीमा करवाना चाहते हैं। बुवाई की जानकारी भरें और आवश्यक दस्तावेज जैसे बैंक पासबुक और जमीन के दस्तावेज अपलोड करें। अब प्रीमियम भुगतान सेक्शन पर जाएं और उपलब्ध विकल्प—क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या यूपीआइ—से भुगतान करें। भुगतान के बाद आपको एक पुष्टि सन्देश मिलेगा और आपकी फसल बीमा पॉलिसी की जानकारी व इसकी रसीद डाउनलोड कर मिल जाएगी।
तो देखा आपने, प्रधानमंत्री फसल योजना से बीमा आवेदन कितना आसान और तीव्र हो गया है, जो आप केवल कुछ क्लिकों से प्राप्त कर सकते हैं।
प्रीमियम कैलकुलेशन और CSC के माध्यम से पंजीकरण
फसल बीमा योजना का आवेदन कैसे करें—सबसे पहले आपको pmfby.gov.in पर जाकर अपना नामांकन करना होगा। फिर वहाँ दिए गए कैलकुलेट ऑप्शन पर क्लिक करें और अपनी फसल, राज्य, जिला और सीज़न की जानकारी भरें। इसके बाद प्रीमियम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। किसान PMFBY के तहत CSC के माध्यम से भी पंजीकरण कर सकते हैं, जो भारत के गांवों में स्थित है। अगर आपको CSC के माध्यम से पंजीकरण का खर्च चिंता का विषय है तो ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया किसानों के लिए बिल्कुल मुफ्त है। इसके अलावा, CSC स्टाफ आपकी मदद करेगा और आवेदन फॉर्म को ऑनलाइन सबमिट करने में सहायता करेगा।
बीमा एजेंट्स या अन्य चैनल पार्ट्नर्स के माध्यम से पंजीकरण—किसान बीमा एजेंट्स या अन्य अधिकृत पार्ट्नर्स के माध्यम से भी पंजीकरण कर सकते हैं।
मोबाइल ऐप और डिजिटल सुविधाएं
क्रॉप इन्षुरेन्स यानी बीमा ऍप—इसके अलावा आप क्रॉप इन्षुरेन्स यानी बीमा ऍप को प्ले स्टोर से स्वयं भी डाउनलोड करके PM Fasal Bima Yojana के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं। फसल बीमा ऍप किसानों के लिए कृषि बीमा से संबंधित सेवाएं प्रदान करता है। इस डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से एक किसान अपना पंजीकरण करा सकता है और फसल का बीमा प्राप्त कर सकता है। खास बात यह है कि अब PMFBY के व्हाट्सऐप चाट बोट से कॉल सेंटर या पोर्टल लिंक पर जाकर लॉगिन करके ढेरों सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं।
बस इसके लिए हमें कुछ स्टेप्स को फॉलो करना होगा, जो बेहद आसान है। आइए जानें कैसे—तो सबसे पहले इसके लिए PMFBY व्हाट्सऐप नंबर पर ‘हाय’ का संदेश भेजें, जिसके बाद आपको मेन्यू में पोर्टल का लिंक प्राप्त होगा।
जहाँ से क्लिक करके आप PMFBY पोर्टल पर सीधे जाकर सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। वहीं, दिए गए मेन्यू विकल्प से कॉल सेंटर चुनने पर आप कृषि रक्षक पोर्टल तक सीधे पहुँच जाएंगे, जहाँ आप लॉगिन डीटेल्स—यूजरनेम, पासवर्ड—भरकर कृषि रक्षक पोर्टल एवं हेल्पलाइन नंबर 14447 (जो सुबह 8:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक उपलब्ध है) और NCIP की सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
निष्कर्ष
तो किसान भाइयों और बहनों, ब्लॉग में दी गई जानकारी आप लोगों को कैसे लगी, यह कमेंट में बताएगा। अगर आपको ब्लॉग में दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने साथ के जरूरतमंद किसान भाइयों और बहनों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करियेगा।
अगर आपके मन में कोई डाउट रह गया हो तो आप लोग हमें कमेंट सेक्शन में लिख सकते हैं फिर मिलते हैं किसी एक और नए ब्लॉग में, नए जानकारी के साथ। तब तक के लिए जय जवान, जय किसान |
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